खबर खास, चंडीगढ़:
जिला शिक्षा अधिकारी (एलीमैंटरी) रूपनगर के एक कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए इस दोषी को मोहाली की अदालत ने चार साल की कैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता जिला रूपनगर की तहसील चमकौर साहिब के गांव असरपुर का सोहण सिंह अपने आटो से दिव्यांग बच्चों और स्टाफ को स्कूल छोड़ने का काम करता था। इसे जिला शिक्षा अधिकारी के आफिस की ओर से पेमैंट होती थी। बताया गया है कि आटो के किराए का एक बिल पास करने के लिए आफिस के कर्मचारी संतोश कुमार ने सोहण सिंह से पांच हजार रुपये की मांग की। आरोपी ने धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो उसकी पेमैंट रोक दी जाएगी।
पीड़ित की शिकायत पर विजीलैंस ने दो गवाहों की मदद से आरोपी संतोश कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले के ट्रायल के दौरान शिकायतकर्ता सोहण सिंह ने दोषी संतोश कुमार के साथ मिलीभुगत करके वह अदालत में गवाही से पलट गया। इसके कारण अदालत ने गवाह को होस्टाइल किया था।
जानकारी के मुताबिक आरोपी को मोहाली की अदालत में पेश किया गया, यहां से अदालत ने संतोश कुमार को चार साल की कैद और दस हजार रुपये का जुर्माना करने की सजा सुनाई है। दोषी को रूपनगर जेल भेज दिया गया है। इसके अलावा इस मामले में अपनी गवाही से मुकरने के खिलाफ सोहण सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है।