खबर खास, चंडीगढ़:
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की प्रधानगी का मसला और उलझता जा रहा है। एक तरफ सुखबीर बादल चंडीगढ़ में मीटिंग करके जिला प्रधानों और वर्किंग कमेटी का भरोसा जीत रहे हैं तो दूसरी तरफ बीते कल हुई बगावती नेताओं की मीटिंग में सुखबीर को प्रधान पद से किनारे करने को लेकर लंबी-चौड़ी चर्चा हुई है। जानकारी के मुताबिक सुखबीर बादल की प्रधानगी पर वर्किंग कमेटी ने भरोसे की मोहर लगाते हुए उनके इस पद पर बने रहने की सलाह दी है। अब इसी बीच विरोधी दलों के नेताओं और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघुबीर सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
जानकारी के मुताबिक पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा भी बीते कल हुई शिरोमणि अकाली दल के बगावती नेताओं की मीटिंग में मौजूद थे। उनका कहना है कि शिरोमणि अकाली दल पंजाब में हाशिये पर चली गई है और पंजाब के लोगों का भरोसा पार्टी से टूट रहा है। ढींडसा ने कहा कि चंडीगढ़ में जो मीटिंग हुई है वह सुखबीर की प्रधानगी बचाने के लिए हुई है। हालांकि ढींडसा ने कहा कि सुखबीर बादल को प्रधान के रूप में हटाकर किसी धार्मिक शख्सियत को यह अहोदा देना चाहिए ताकि लोगों का विश्वास बन सके। इस दौरान ढींडसा ने यह भी आरोप लगाया कि ढींडसा परिवार को खत्म करने की भी कोशिश की गई है।
ढींडसा ने किया इन नामों का जिक्र
परमिंदर ढींडसा ने कहा कि पार्टी की प्रधानगी जत्थेदार हरप्रीत सिंह, मनप्रीत अयाली, परमजीत कौर खालड़ा व इनके अलावा किसी भी व्यक्ति विशेष को दी जा सकती है। ढींडसा ने कहा कि हमारे उपर आरोप लग रहे हैं कि यह बीजेपी के कारण किया जा रहा है जबकि असलीयत यह है कि हम बीजेपी के साथ किसी भी रूप में संपर्क में नहीं हैं। शिरोमणि अकाली दल के सभी सीनियर नेता कल जालंधर में हुई मीटिंग में मौजूद थे।
क्या बोले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार
इस मामले पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघुबीर सिंह का भी बयान सामने आ रहा है। उनका कहना है कि कुछ राजनीतिक लीडरों का मुंह दिल्ली की तरफ है और पीठ श्री दरबार साहिब की तरफ। रघुबीर सिंह ने महाराजा रणजीत सिंह के राज का भी हवाला दिया कि कैसे महाराजा रणजीत सिंह श्री अकाल तख्त साहिब से मार्गदर्शन लेते थे। इसी वजह से वे सफल शासक सिद्ध हुए हैं।
जाखड़ बोले, पार्टी बैठकर सुलझाए मसला
बीजेपी के पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल को यह मसला बैठ कर सुलझाना चाहिए। आंखें बंद करने से जिम्मेदारियां नहीं तय होतीं। जाखड़ ने कहा कि हमारा इस मामले से कोई लेनदेन नहीं हैं। अकाली दल अगर अब भी बैठकर विचार मंथन नहीं करता कि पंजाब के लोगों ने चुनाव में क्या फतवा दिया है तो कुछ नहीं हो सकता है।
लोकतांत्रित रास्ता अपनाए अकाली दल – औजला
सांसद गुरजीत औजला ने इस मामले पर कहा है कि ये अकाली दल का अंदरूनी मसला है, इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। पार्टी को ये मामला लोकतांत्रिक तरीके से सुलझाना चाहिए। औजला ने चुनाव का रास्ता अपनाने की सलाह दी है।
गुरप्रताप सिंह बडाला ने भी सुखबीर बादल को नसीहत दी…
उधर, गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी को तोड़ने के लिए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और सहयोगियों द्वारा इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं। क्योंकि कल जालंधर में पंथ और पंजाब समर्थकों की बैठक में मास्टर तारा सिंह का परिवार, तूर परिवार, ज्ञानी करतार सिंह का परिवार, तलवंडी साहिब का परिवार, टोहरा साहिब का परिवार आदि सहित कई पंथ परिवार शामिल थे। ये वे लोग हैं जिन्होंने पंथक पक्ष के साथ-साथ शिरोमणि अकाली दल को मजबूत करने के लिए बहुत कुछ किया है। ऐसे आरोपों से उन परिवारों को बर्बाद करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए ऐसे बयान देने से पहले ये सोचना चाहिए कि पार्टी पहले ही बहुत निचले स्तर पर जा चुकी है और ज्यादा नुकसान होगा. इसलिए ऐसे बयानों से बचना चाहिए।