चंडीगढ़/18जुलाई: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि बाढ़ की गंभीरता और बाढ़ के खतरे के प्रति सरकारी प्रतिक्रिया की पूर्ण अनुपस्थिति के कारण सैंकड़ों हजारों पंजाबियों के साथ हुई त्रासदी के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहाया है।
सरदार बादल ने कहा कि अकेले इस फैसले के परिणामस्वरूप बरसात की समस्या एक बड़ी और अभूतपूर्व बाढ़ आपदा में बदल गई, जिससे राज्य के लोग अभी भी जूझ रहे हैं।
सरदार बादल ने आज मलोट-डबवाली रोड पर फीडर नहर का दौरा किया और यह देखने के लिए क्या हमारे विरोध प्रदर्शन और नहर में पानी के बहाव को रोकने के खिलाफ जनता के आक्रोश का इस असंवेदनशील सरकार पर कोई प्रभाव पड़ा है’’। उन्होने कहा कि सरकार को हमारे संयुक्त प्रयासों से मजबूर होकर आखिरकार कल रात कुछ पानी छोड़ना पड़ा। उन्होने कहा, ‘‘ लेकिन कल रात तक , उन्होने इसकी एक भी बंूद को पंजाब से बाहर नही जाने दिया था, जिसके कारण राज्य का एक तिहाई से अधिक हिस्सा जलमग्न हो गया और हमारे लोगों का एक बड़ा हिस्सा उजड़ गया। उन्होने कहा कि शहरों, कस्बों और गांवों में हमारे लोग विशेष रूप से ग्रामीण लोग और किसान कई साल पीछे चले गए हैं, क्योंकि बड़े पैमाने पर मानव जीवन और पशुधन के नुकसान के अलावा आर्थिक झटका भी लगा है। हमारे लोगों को जो पीड़ा झेलनी पड़ी है, उससे उबरने में कई साल लगेंगें’’।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि हैरानी की बात है कि उसी भगवंत मान ने भीषण गर्मी के महीनों के दौरान जब किसान पानी के लिए जोर जोर से पानी की मांग कर रहे थे, उसी नहर के माध्यम से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया था। मुख्यमंत्री ने राजस्थान को तब भी पानी दिया , जब उनके मुख्यमंत्री खुलेआम कह रहे थे कि उनके राज्य को पानी की जरूरत नही है। उन्होने कहा, ‘‘ हमारे मुख्यमंत्री का दिमाग कैसे काम करता है यह एक महान मानवीय रहस्य है’’।
सरदार बादल ने कहा,‘‘ यह त्रासदी सिर्फ एक व्यक्ति-मुख्यमंत्री के अहंकार और लापरवाह रवैये के कारण हुई है। वह अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ नफरत फैलाने के अलावा कुछ नही करते हैं’’।
सरदार बादल ने कहा,‘‘ पंजाब में जो हो रहा है उसे देखकर लोग बेहद दुखी हैं क्योंकि यह बदलाव सरदार परकाश सिंह बादल से भगवंत मान में शांत राजनेता से बीमार नौटंकी करने वाले तक की सीधी यात्रा है। उनके चुटकुलों की कीमत इस राज्य के संकटग्रस्त लोगों द्वारा चुकाई जा रही है’’।