‘बाबा साहेब का संविधान और आरक्षण खत्म करना चाहती है भाजपा’

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यूपीएससी लैटरल एंट्री पर ‘आप’ ने लगाया आरोप

कहा, केन्द्र सरकार पहले भी लैटरल एंट्री के माध्यम 60 से ज्यादा नियुक्तियां कर चुकी है, इस बार चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण फैसला वापस लिया – चीमा

खबर खास, चंडीगढ़ :

‘भाजपा बाबासाहेब आंबेडकर का लिखा संविधान और देश की आरक्षण व्यवस्था को खत्म करना चाहती है। ‘ यह कहना है पंजाब के केबिनेट मंत्री हरपाल चीमा का। केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए और फिर रद्द किए गए यूपीएससी लैटरल एंट्री स्कीम को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। बुधवार को चंडीगढ़ पार्टी कार्यालय में चीमा, हरभजन सिंह ईटीओ और लालचंद कटारूचक एवं आप नेता पवन कुमार टीनू ने इस मुद्दे पर एक प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को संबोधित किया। आप नेताओं ने कहा कि बीजेपी पिछले कई सालों से लगातार यह कोशिश कर रही है कि किसी भी तरीके से आरक्षण को खत्म किया जाए।

चीमा ने कहा कि मोदी सरकार का लैटरल एंट्री का फैसला रद्द करना सिर्फ दिखावा है। भाजपा ने चार राज्यों हरियाणा जम्मू-कश्मीर झारखंड और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों में नुकसान के डर से इस फैसले को वापस लिया है। उनके इरादे अभी भी वही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही लैटरल एंट्री से 63 से ज्यादा आईएएस स्तर के पदों पर नियुक्ति कर चुकी है। उन नियुक्तियों में भी आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया। अब वह दूसरी बार उसी तरह 45 और नियुक्तियां करना चाहते थे लेकिन दबाव के कारण रद्द करना पड़ा। चीमा ने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार ने आउटसोर्सिंग के जरिए सरकारी विभागों में काम करने वाले सफाई कर्मचारी, चपरासी जैसे कई पदों पर आरक्षण खत्म कर दिया है। इसके अलावा भी कई आउटसोर्स भर्तियों आरक्षण खत्म कर दिया गया है। अब वह आईएएस जैसे अहम पदों पर भी आरक्षण खत्म कर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक छीनना चाहते है।

भाजपा सुनियोजित तरीके से आरक्षण व्यवस्था पर हमला कर रही है – ईटीओ

आप नेता और कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सुनियोजित तरीके और सोची समझी रणनीति के तहत देश की आरक्षण व्यवस्था पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार देश के शोषितों और वंचितों का संवैधानिक अधिकार खत्म करने की दिशा में काम कर रही है, लेकिन हम इसके खिलाफ संघर्ष करेंगे और किसी भी कीमत पर भाजपा को संविधान और आरक्षण के साथ छेड़छाड़ नहीं करने देंगे।

2014 से ही भाजपा सरकार दलितों के खिलाफ काम कर रही है – कटारूचक

मंत्री लालचंद कटारूचक ने कहा कि भाजपा और मोदी सरकार 2014 में केन्द्र की सत्ता में आने के बाद से ही दलितों और आरक्षण के खिलाफ काम कर रही है। 2018 में भी दलितों के अधिकार पर चोट पहुंचाने की कोशिश की गई थी लेकिन भारी विरोध के कारण सरकार ने उसपर कानून बनाया। अब फिर उन्होंने लैटरल एंट्री के माध्यम से अनुसूचित जातियों के अधिकारियों पर डाका डालने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसी हरकतों से बाज आना चाहिए और संविधान के मुताबिक दलित समाज को समानता दिलाने के लिए काम करना चाहिए।

सरकारी नौकरी सामाजिक समानता के लिए सबसे महत्वपूर्ण और भाजपा सरकारें इसी पर हमला कर रही है – पवन टीनू

आप नेता पवन कुमार टीनू ने कहा कि भाजपा और आरएसएस शुरू से ही दलित आरक्षण और संविधान विरोधी है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान कर समाज में समानता लाने की कोशिश की है क्योंकि यह लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाता है। लेकिन भाजपा लगातार सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ केंद्र सरकार ही नहीं भाजपा शासित राज्य सरकारें भी ऐसा कर रही है। भाजपा नहीं चाहती कि समाज में समानता आए और भेदभाव खत्म हो।

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