ट्रैक एंड ट्रेकिंग सिस्टम के दायरे में आएगी विदेशी शराब, कांच व प्लास्टिक दोनों प्रकार की बोतलें हो सकेंगे इस्तेमाल; लोकसभा चुनाव के बाद अलाट होंगे ठेके
खबर खास, चंडीगढ़:
हरियाणा सरकार ने बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश की नई आबकारी नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। निर्वाचन आयोग की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने बुधवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई। जिसमें नई एक्साइज पॉलिसी पर मोहर लगाई गई।
आयेाग की शर्तों के चलते ही पुरानी पॉलिसी में अधिक बदलाव नहीं किया गया है। पुरानी पॉलिसी 12 मई को समाप्त हो चुकी है। जिसके चलते आज मंजूर की गई पॉलिसी को उसी दिन से लागू माना जाएगा। मंत्रिमंडल द्वारा आज स्वीकार की गई पॉलिसी 11 मई, 2025 तक के लिए लागू रहेगी। नई नीति के अनुसार प्रदेश में शराब ठेकों की संख्या में इजाफा नहीं किया है। ठेके पहले की तरह 2400 ही रहेंगे। देशी शराब के कोटे में बढ़ोतरी की है।
हरियाणा व भारत में बनी शराब की तर्ज पर अब विदेशी शराब भी ट्रैक एंड ट्रेसिंग सिस्टम के दायरे में आएगी। शराब को कांच की बोतलों में ही बेचने को लेकर पूर्व में हो चुके विवाद के चलते कैबिनेट ने दोनों तरह के ऑप्शन रखे हैं। यानी कांच और प्लास्टिक दोनों तरह की बोतलों का इस्तेमाल किया जा सकेगा।चुनाव आयोग ने इस शर्त के साथ सरकार को एक्साइज पॉलिसी लागू करने की मंजूरी दी है कि इसका किसी भी तरह से प्रचार-प्रसार नहीं किया जाएगा। सरकार को दो-टूक कहा है कि राजनीतिक फायदे के लिए इसका प्रचार-प्रसार नहीं हो सकेगा। नये ठेकों की अलॉटमेंट के लिए ई-टेडिंरग प्रक्रिया भी 25 मई यानी मतदान के बाद शुरू होगा। हालांकि इससे पहले विभाग इसकी तैयारियां शुरू कर सकेगा।
बैठक में हरियाणा पुलिस जिला (सामान्य कैडर) में भारतीय रिजर्व बटालियन के पुलिस कार्मिकों का विलय) नियम, 2024 को मंजूरी दी गई।
नियमों के अनुसार, हेड कांस्टेबल, सी-1 कांस्टेबल और छूट प्राप्त हेड कांस्टेबल/कांस्टेबल के रैंक वाले भारतीय रिजर्व बटालियन के पुलिस कर्मियों को 15 साल की संतोषजनक सेवा पूरी करने तथा प्रथम एवं द्वितीय चरण के प्रशिक्षण के बाद जिला पुलिस (सामान्य कैडर) में विलय का विकल्प दिया जाएगा।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक द्वारा विभिन्न जिलों के लिए हर साल 31 जनवरी तक भारतीय रिजर्व बटालियन के हेड कांस्टेबल, सी-1 कांस्टेबल और छूट प्राप्त हेड कांस्टेबल/कांस्टेबलों में से भरी जाने वाली रिक्तियों की संख्या अधिसूचित की जाएगी। इनमें से जिन कर्मचारियों को जिला पुलिस (सामान्य कैडर) में विलय/ज्वाइनिंग के लिए चुना जाएगा, उनको 3 महीने के लिए एक प्रेरण प्रशिक्षण और जिला व्यावहारिक प्रशिक्षण से गुजरना होगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अनिवार्य होगा और किसी भी परिस्थिति में इससे छूट नहीं दी जाएगी।